एक नई शुरुआत

जब मैं अंधेरे में खोई थी, उम्मीद की एक किरण ने मुझे ढूंढ लिया था। दूसरों के हाथों से मिला था सहारा, मन में भर गया था नया जोश और जज्बा। मैंने सीखा है देने का मंत्र, खुद को समर्पित करने का कर्म। मैं बन गई हूँ एक दीपक, अंधेरे में जगमगाने वाला। अब मैं दूसरों को संबल देती हूँ, उनके सपनों को साकार करती हूँ। एक साथ चलने का साथी, उनके जीवन में नया अध्याय। मैंने पाया है जीवन का अर्थ, दूसरों की सेवा में। मैं उड़ान भर रही हूँ, नई ऊंचाइयों को छूने में।